श्री सुंदरकांडजी

श्री सुंदरकांडजी के मुख्य भावार्थ का नवाह्न परायण

हर किसी के जीवन में कोई-न-कोई सकाम इच्छा होती है । धन प्राप्ति की इच्छा, बीमारी से निरोग होने की इच्छा, बच्चों की अच्छी पढ़ाई की इच्छा, बेटी के लिए उपयुक्त वर से विवाह की इच्छा, व्यवसाय या नौकरी में प्रगति की इच्छा, किसी दुर्घटना से बचने की इच्छा, मुकदमे में जीत की इच्छा और इस तरह की अनेकों इच्छाएं अलग-अलग मनुष्यों की होती है 

इच्छा पूर्ति के लिए श्री सुंदरकांडजी एक कल्पवृक्ष की तरह है  यह सबसे ज्यादा प्रचलित और सबसे ज्यादा प्रभावी है । संकटमोचन और परम श्रीरामभक्त और देवों के देव प्रभु श्री महादेवजी के अवतार प्रभु श्री हनुमानजी की यह अमर गाथा है 

निष्काम भाव से प्रभु की भक्ति और शरणागति के लिए भी कोई इसका पाठ करें तो ऐसा करना सर्वश्रेष्ठ फलदायक होता है 

वैसे तो श्रीरामचरितमानसजी के नवाह्न परायण का विधान है जिसमें काफी समय लगता है जो कलियुग में प्रायः लोगों के पास नहीं होता । इसलिए हमने श्रीरामचरितमानसजी के तहत श्री सुंदरकांडजी के नवाह्न परायण का प्रारंभ किया है जिसमें रोजाना मात्र 15 मिनट का समय लगेगा । पूरी श्री सुंदरकांडजी तीव्रता से करने पर उसमें भाव प्रायः छूट जाता है । प्रभु केवल भाव प्रिय हैं, इसलिए हमने श्री सुंदरकांडजी की सिद्ध चौपाईयों, छंदों एवं दोहों के भावार्थ का नवाह्न परायण तैयार किया है, जो भावपूर्ण है और 15 मिनट रोजाना करने पर 9 दिन में विश्राम पा जाएगा । हमने उन्हीं चौपाइयों, छंदों और दोहों का चयन किया है जो प्रभु और माता की भक्ति, प्रेम, शरणागति, करुणा और ऐश्वर्य का दर्शन कराते हैं । 

जिसके भी जीवन में कोई कामना या संकट है या मन में निष्काम भाव है तो हमारा आग्रह है कि नौ दिन क्रमशः एक-एक दिवस का पाठ करें और नौ दिनों का पाठ पूरा होने पर पहले दिवस के पाठ से दोबारा यह क्रम शुरू करें । ऐसा तब तक करते रहे जब तक कामना पूर्ति या संकट निवारण नहीं होता । निष्काम भाव से पाठ करने वालों के लिए तो यह आजीवन होना चाहिए 

पढ़ने और वीडियो में सुनने के दो विकल्प आपके पास है, जैसा रुचिकर लगे वैसा करें ।


श्रीसुंदरकांड भावार्थ नवाह्न पारायण (Day 1)

श्रीसुंदरकांड भावार्थ नवाह्न पारायण (Day 2)

श्रीसुंदरकांड भावार्थ नवाह्न पारायण (Day 3)

श्रीसुंदरकांड भावार्थ नवाह्न पारायण (Day 4)

श्रीसुंदरकांड भावार्थ नवाह्न पारायण (Day 5)

श्रीसुंदरकांड भावार्थ नवाह्न पारायण (Day 6)

श्रीसुंदरकांड भावार्थ नवाह्न पारायण (Day 7)

श्रीसुंदरकांड भावार्थ नवाह्न पारायण (Day 8)

श्रीसुंदरकांड भावार्थ नवाह्न पारायण (Day 9)